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उत्तराखंड में एग्री-हॉर्टि क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा, सीएम धामी ने पंतनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हेतु निर्देश दिए

उत्तराखंड राज्य में कृषि एवं औद्यानिकी के क्षेत्र को नई दिशा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर में स्टेट एग्री-हॉर्टि एकेडमी (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) की स्थापना हेतु तत्काल प्रभावी कार्य योजना (वर्किंग प्लान) प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम विशेषकर अन्य हिमालयी राज्यों की तर्ज पर राज्य में प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान को सुदृढ़ बनाने की दिशा में उठाया गया है।

मुख्यमंत्री  धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को जल्द ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के समक्ष रखा जाएगा, ताकि राज्य को इस योजना से केंद्र की सहायता प्राप्त हो सके।

कृषि क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक रोडमैप तैयार करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को आगामी 20 से 25 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य की प्रमुख कृषि एवं औद्यानिकी चुनौतियों, समस्याओं व मुद्दों का ठोस आकलन कर एक प्रभावी रोडमैप तैयार करने को कहा है। यह रोडमैप केंद्र सरकार से सहयोग प्राप्त करने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा।

सीमांत जिलों एवं पर्वतीय क्षेत्रों के लिए विशेष पहल
बैठक में मुख्यमंत्री ने सीमांत पर्वतीय जनपदों में मनरेगा के तहत विशेष मजदूरी दर निर्धारित करने, हाउस ऑफ हिमालया अंब्रेला ब्रांड के तहत विभिन्न एयरपोर्ट्स पर स्टॉल लगाने तथा पंतनगर विश्वविद्यालय में एग्रो टूरिज्म स्कूल की स्थापना हेतु केंद्र से वित्तीय सहयोग लेने के निर्देश भी दिए।

अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव जिन पर केंद्र से समन्वय के निर्देश दिए गए:

  • भरसार (पौड़ी गढ़वाल) में एनएलबीएल मान्यता प्राप्त माइक्रोबायोलॉजी लैब की स्थापना
  • भारतीय सेना एवं पंतनगर विश्वविद्यालय के सहयोग से मिलेट्स आधारित उत्पाद विकास परियोजना
  • सगंध पौधों के उत्पादों की प्रोसेसिंग एवं वैल्यू एडिशन, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के तहत सम्मिलन
  • सेलाकुई (देहरादून) में राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनिंग एवं इनक्यूबेटर डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना
  • “महक क्रांति नीति” के तहत सगंध फसलों को बढ़ावा देने के लिए धनराशि स्वीकृति हेतु अनुरोध

 

यह पहल राज्य के कृषि एवं औद्यानिकी क्षेत्र में नवाचार, आत्मनिर्भरता और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

 

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