उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में गुरुवार को नगर निगम अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से निर्मित मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया। जिसके चलते समुदाय विशेष के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया और दंगे शुरू कर दिए। 100 से अधिक वाहन जला दिए गए थे 300 से अधिक लोग इस दंगे के दौरान घायल हो गए थे।
बताया जा रहा है कि यह हिंसा एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है। बनभूलपुरा में हिंसा करने व हिंसा के लिए भड़काने में शामिल 5 हजार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। जिनमें से 18 आरोपी ऐसे हैं जिनकी पहचान नाम समेत किया जा चुका है। और बाकी फसाद के आरोपियों कि पहचान कि जा रही है। और चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। हिंसा के दौरान की सीसीटीवी फुटेज व वीडियो रिकॉर्डिंग पुलिस द्वारा कब्जे में ली गई है जिसकी मदद से हिंसा में शामिल आरोपियों कि पहचान कि जा रही है।
बता दें कि मुख्यमंत्री व अर्धसैनिक बल हल्द्वानी पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कि घायल पुलिसकर्मियों व पत्रकारों से मुलाकात। मुख्यमंत्री धामी के मुताबिक हिंसा एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया। साथ ही उन्होंने कहा:-“देवभूमि की फिजा बिगाड़ने का प्रयास किया गया है। ऐसे हालात पहले कभी नहीं हुए।” हिंसा के दौरान संपत्ति का भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। पुलिस को 1 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। और नगर निगम के मुताबिक नुकसान की कीमत लगभग 5 करोड़ है। हिंसा के दौरान हुए सभी नुकसान का भुगतान आरोपियों द्वारा किया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को घटनास्थल से 5 शव बरामद किए गए थे। जिनकी शिनाख्त फईम (26) मो. नासिर निवासी गांधीनगर, शहनवाज (22) पुत्र शफीक अहमद निवासी आजाद नगर, अनस (19) पुत्र नाहिद निवासी गफूरबस्ती, जाहिद (45) पुत्र नूर मोहम्मद निवासी गफूरबस्ती व प्रकाश कुमार (24) पुत्र श्यामदेव निवासी शहना गांव बाजपुर के रूप में हुई है।
बता दें कि इनमें से प्रकाश कुमार का शव ऐसे स्थान से मिला है जहां पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी। पुलिस के मुताबिक पुलिस ने बनभूलपुरा थाने से लेकर मलिक के बगीचे के बीच ही गोली चलाई। और प्रकाश कुमार का शव इंद्रानगर, गौला गेट रेलवे फाटक के पास मिला। इसको लेकर जांच जारी है।